हिंदुस्तान में मुसलमानों की इबादतगाह और मुसलमान बच्चियां कुफ्र का शिकार।

इस टॉपिक पर एक आर्टिकल मैंने पहले भी लिखा है, उसको पढने के लिए आप यहाँ क्लिक कीजिये.

यह वक्त दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बहुत नाज़ुक है। हर तरफ से मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं, कहीं हमारी इबादतगाहों को निशाना बनाया जा रहा है तो कहीं हमारी भोली भाली बच्चियों को निशाना बनाया जा रहा है।

हमें इस सबसे लड़ने के लिए सबसे ज़्यादा अपने बुज़ुर्गों के बताए हुए रास्तों पर ध्यान देने की ज़रूरत है, और खासकर वही किरदार अपनाने की ज़रूरत है जो 313 का था। और उसके साथ-साथ अपनी बच्चियों का भी ख़ास ख्याल रखने की बेहद ज़रुरत है। आज हिंदुस्तान के अंदर फितना-ए-इर्तिदाद (मज़हब-ए-इस्लाम से फिर जाना) इस तरह आसमान छू रहा है जिसको बयां करना यहां पर बहुत मुश्किल सा है। और इसको देखने के बाद बहुत तकलीफ गुज़रती है।

इससे कैसे बचा जाए?

इससे बचने की कुछ तदबीर हैं। तदबीर बताने से पहले मैं कुछ अपने बारे में अर्ज करूं यह सब देखकर मैं खुद हैरत में हूं की मुस्लिम लड़कियां क्यों इतना प्यारा दीन-ए-इस्लाम छोड़कर मुर्तद हो रही हैं? और अगर पहली नज़र में देखा जाए तो उसकी खास वजह मुझे सबसे ज़्यादा दीनी तालीम से दूरी लग रही है। क्योंकि मुझे इतना गर्व होता है मुस्लिम होने पर वह मैं यहां चंद लफ़्ज़ों में नहीं बता सकती। और मेरी मज़हब-ए-इस्लाम से मोहब्बत की खास वजह दीन से लगाव है। और मेरे मां-बाप की परवरिश का बेहतरीन नतीजा। इसलिए हमें अपनी बच्चियों को सबसे पहले दीनी तालीम देनी चाहिए और कम से कम बेसिक ही हमने अपनी बच्चियों को सिखा दिया तो वो किसी काफिर के साथ रहने का तो दूर उससे बात करने का भी कभी दिमाग में ख़याल नहीं लायेंगी।

रब्बे करीम से दुआ है की हमारी इस फितना-ए-इर्तिदाद से हिफाज़त फरमाए।

2 thoughts on “हिंदुस्तान में मुसलमानों की इबादतगाह और मुसलमान बच्चियां कुफ्र का शिकार।”

  1. Iski.sabse badi.wajah.social media hai yahan jake gande manajir dekhti.hain kafiron ke saath aur fir.jab local kafir milta hai to usse jismani.talluk kayam karti hain zalim hindu.search karen social media pe ankh khul jayegi… Hazaron id mil jayegi haat me mobile aur bina mahram akele ane jaane ki azadi bas yahi barbadi ki wajah hai

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