कबीरा और सग़ीरा गुनाह क्या हैं?

कबीरा गुनाह वो गुनाह हैं जिनसे अल्लाह त’आला और रसूलल्लाह “ﷺ” ने क़ुरान-ए-पाक और हदीस-ए-मुबारक में मना फ़रमाया और अस्लाफ़ के अकबाल में भी उनकी मुमानियत आई हो।

अल्लाह त’आला ने अपनी किताब क़ुरान-ए-पाक में कबीरा गुनाह और हराम कामों से बचने वालों को सग़ीरा गुनाहो के मिटाने की ज़मानत दी है

 इरशाद-ए-बारी त’आला है।

 إن تجتنبوا كبائر ما تنهون عنه نكفر عنكم سيئاتكم وندخلكم مدخلا كريما

आयत का हिंदी तर्जुमा: ‘अगर तुम कबीरा गुनाहों से बचते रहो जिनसे तुम्हें रोका गया है।

तो हम तुम्हारे सग़ीरा गुनाह मिटा देंगे और तुम्हें इज़्ज़त वाले मकान में दाखिल करेंगे।’

इस आयत मुबारक में अल्लाह तआला ने कबीरा गुनाहों से इज्तिनाब (किनारा) करने वालों के लिए जन्नत में दाखिल होने की ज़मानत दी है।

नीज़ इरशाद-ए-खुदा बंदी है।

 وَالَّذِينَ يَجْتَنِبُونَ كَبَائِرَ الْإِثْمِ وَالْفَوَاحِشَ وَإِذَا مَا غَضِبُوا هُمْ يَغْفِرُونَ

आयत का हिंदी तर्जुमा: ‘और वह लोग जो कबीरा गुनाह हो और बे हयाई के कामों से बचते और जब गुस्सा आए तो माफ कर देते हैं।’

 नीज़ इरशाद-ए-खुदा बंदी है

 الَّذِينَ يَجْتَنِبُونَ كَبَائِرَ الْإِثْمِ وَالْفَوَاحِشَ إِلَّا اللَّمَمَ ۚ إِنَّ رَبَّكَ وَاسِعُ الْمَغْفِرَةِ

आयत का हिंदी तर्जुमा: ‘वह लोग जो बड़े गुनाहो और बेहयाइयों से बचते हैं। मगर इतना के गुनाह के पास जाते और रुक गए बेशक तुम्हारे रब की मग़फिरत वसी है।’

नबी करीम “ﷺ” ने इरशाद फरमाया

الصلوات الخمس، والجمعة إلى الجمعة، ورمضان إلى رمضان مُكَفِّراتٌ لما بينهنَّ إذا اجتُنبَت الكبائر

आयत का हिंदी तर्जुमा: ‘पांच नमाजे़ और जुमा अल मुबारक से दूसरे जुमा तक और रमजान उल मुबारक से दूसरे रमजान तक दरमियान वाले गुनाहों को मिटा देता है।’

जब के गुनाह-ए-कबीरा से इज्तिनाब किया जाए।

कबीरा गुनाहों का ताइयूं

बस हम पर कबीरा गुनाहों की छानबीन लाज़िम है कि वह कौन-कौन से हैं। ताकि मुसलमान उनसे इज्तिनाब करें। तो हमने देखा इस सिलसिले में उलमा-ए-इकराम के दरमियान इख़्तिलाफ़ है। एक कॉल के मुताबिक़ यह है कि गुनाह-ए-कबीरा सात हैं।

इन लोगों ने नबी करीम “ﷺ” इस इरशाद को दलील बनाया है।

नबी करीम “ﷺ” इरशाद फरमाया।

اجتنبوا السبع المُوبِقَات،

सात हलाकत-ख़ेज़ कामों से बचो।

फिर आपने इन 7 कामों को गिनाया-

1.अल्लाह त’आला के साथ शिर्क ठहराना।

2. जादू-टोना करना।

3. किसी ऐसे शख्स को कत्ल करना जिसे कत्ल करना अल्लाह ताला ने हराम करार दिया हां हक के तौर पर कत्ल किया जा सकता है।

4. यतीम का माल खाना।

5. सूद खाना।

6. मैदान-ए-जंग से भाग जाना।

7. पाक दामन ईमान वाली औरतों पर इल्ज़ाम तराशी करना।

सग़ीरा गुनाह

ये छोटे गुनाह बुज़ु, नमाज़, रोज़ा, सदक़ा, खैरात और दीगर नेकियों से अल्लाह ता’आला माफ़ फरमा देता है। ये उसकी रहमत है की वह बड़ी नेकियों की वजह से छोटे गुनाह माफ़ कर देता है। 

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